जहां हम गुलाम बनाऐ जाते है वहां तो व्यक्तितव मरता है —–
किशन अर्जुन से कह रहे है की जो मै कहता हूँ वो मत बन, समझ और बह——
अगर क़ोई आदमी अपने ही हाथों समर्पित हो गया है
इस जगत के प्रति, इस विशव यात्रा में वो ही मालिक है ।
क्योकी समरपन की धोशना इस जगत मे वही कर सकता है
विकाश
Vikash Kalra is a self-taught artist and writer based in New Delhi whose work has been exhibited across India and is held in several private and corporate collections.