मैंने तीन किताबें पढ़ी हैं उनके टाइटल मुझे बहुत पसंद है, 1. Execution 2. Built to Last 3. Good to Great| जिंदगी में Success का भी यही फार्मूला है| हमारे दिमाग में जो Idea है उसको Execute करें, यह बहुत important काम है और इसके लिए source और सोच इकट्ठे करने पड़ते हैं| फिर start करने के लिए समय, patience, risk की जरुरत होती है, इन सबको अपने सोच तक ले जाने में Push करना पड़ता है तभी हम अच्छे से execute कर पाते हैं| सबसे बड़ी जरुरत होती है हमें खुद को Push करने की क्यूंकि हमें next stage पता नहीं होता| आपको हमेसा सोचना पड़ता है की जहाँ तक आपकी सोच जा रही है वहां तक आपके हाथ जा रहे हैं या नहीं| ये Journey बहुत बड़ी है, आप कह सकते हैं Infinite है|
ये सारी चीज़ों के बाद खुद के emotions और पेंटिंग्स की कलर compositions को compare करना होता है ताकि पता चले की आखिर पेंटिंग balance हुई या नहीं| ये daily के Execution हैं, हर level पर हम लोगों को अपने अगले level के लिए Push करना पड़ता है| हम एक level पर रुक नहीं सकतें हमें अगले level तक जाने की कोशिश करनी ही पड़ेगी|
यही है फार्मूला Built to Last के लिए| अगर हम लगातार खुद को Push करते रहेंगे तो हम जो करेंगे वो हमारे बाद भी ज़िंदा रहेगा| हमे आज भी Leonardo Da Vinci की पेंटिंग्स देखने को मिलती हैं और वो ये prove करती हैं ऐसी जगह पहुंचने के लिए की आर्टिस्ट ने लगातार खुद को Push किया | अगर हमने भी खुद को लगातार Push किया तो हम लोग भी उस level तक पहुंच जायेंगे|
और अगर ऐसा होता है तो हमारी पेंटिंग्स भी हज़ारो सालो तक अमर हो जाएँगी|
Execute में बहुत बड़ा योगदान Push का है, Push करते-करते ही हम Built to Last तक पहुंचेंगे,
हमें कभी भी अपने professional life में संतुष्ट नहीं होना चाहिए|
Built to Last की value Push से आती है- जितना Push करेंगे उतना ज्यादा Built to Last की value बढ़ेगी| अगर आज हम खुद को अपने comfortable zone से बाहर निकल कर Push करेंगे तो आज से कई हज़ारो साल भी हमको जाना जाएगा|
कभी भी इस भ्रम में हमें नहीं रहना चाहिए की अगर हम commercially successful हैं तो फ्यूचर में हमे याद रखा जाएगा| commercially Successful होना और अपने काम को Built to Last तक ले जाना दोनो ही अलग बातें हैं, आप commercially Successful हो सकते हैं लेकिन अगर आपके काम में Vincent Von Gogh की intensity नहीं है तो फिर आप अपने काम को Built to Last तक नहीं ले जा सकतें|
रही बात Good to Great की तो वो भी Push से ही चलता है, हो सकता है जो आपने काम किया वो हज़ारो साल बाद भी याद किया जा रहा हो लेकिन अगर उसमे greatness नहीं है; वह quality नहीं है तो ये सारी चीज़ें धीरे-धीरे negative हो जाएंगी और आपके किये धरे पर पानी फिर जाएगा|
हमें सबसे ज़्यादा focus करना चाहिए अपने काम की quality पर ताकि हमारा काम great बन सके और हमारा काम जब great बनेगा तो हम भी great हो सकते हैं; हमारा भी नाम इतिहास के पन्नो में आ सकता है|
Vikash Kalra is a self-taught artist and writer based in New Delhi whose work has been exhibited across India and is held in several private and corporate collections.