जहां हम गुलाम बनाऐ जाते है वहां तो व्यक्तितव मरता है —–

किशन अर्जुन से कह रहे है की जो मै कहता हूँ वो मत बन, समझ और बह——
अगर क़ोई आदमी अपने ही हाथों समर्पित हो गया है
इस जगत के प्रति, इस विशव यात्रा में वो ही मालिक है ।
क्योकी समरपन की धोशना इस जगत मे वही कर सकता है
विकाश

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